Thursday, December 29, 2011
Monday, December 26, 2011
Saturday, December 17, 2011
Thursday, December 15, 2011
कुछ कुछ
कुछ हम कहे आपसे, कुछ आप ना कहे .
कुछ हम चले साथ, कुछ आप ना चले .
कुछ हम ना माने, कुछ आपने माना.
कुछ हम ना चाहे, कुछ आपने चाहा .
इस कुछ कुछ के चक्कर में हम थे
वरना कुछ कुछ होना था हमारे बीच
कुछ हम चले साथ, कुछ आप ना चले .
कुछ हम ना माने, कुछ आपने माना.
कुछ हम ना चाहे, कुछ आपने चाहा .
इस कुछ कुछ के चक्कर में हम थे
वरना कुछ कुछ होना था हमारे बीच
Monday, November 28, 2011
Monday, October 3, 2011
धड़कन सुना रही है सच,
पर दिल मे कोई आह नहीं हैं.
मंजिल की तस्वीर देखी थी,
पर उसकी कोई राह नहीं हैं.
आवाजो मे धिक्कार भरी थी,
पर सुनने को कान नहीं हैं.
बदले की आवाज कुचल्दो
ये खुदका सम्मान नहीं हैं.
ज़ंजीरो में बंधा न था मै,
पर मै खुद मै अज्जाद नहीं हैं
तन मन की एक प्यास जगी थी पर
भुझ जाने को संसार खड़ी हैं
लगने को तो ठेश बहुत सी
पर मरने को जान नहीं हैं
मिला था सबका प्यार बहुत तो,
पर मिलाने को आँख नहीं हैं.
पर दिल मे कोई आह नहीं हैं.
मंजिल की तस्वीर देखी थी,
पर उसकी कोई राह नहीं हैं.
आवाजो मे धिक्कार भरी थी,
पर सुनने को कान नहीं हैं.
बदले की आवाज कुचल्दो
ये खुदका सम्मान नहीं हैं.
ज़ंजीरो में बंधा न था मै,
पर मै खुद मै अज्जाद नहीं हैं
तन मन की एक प्यास जगी थी पर
भुझ जाने को संसार खड़ी हैं
लगने को तो ठेश बहुत सी
पर मरने को जान नहीं हैं
मिला था सबका प्यार बहुत तो,
पर मिलाने को आँख नहीं हैं.
Tuesday, August 2, 2011
एक ख्याल दिल के आसमा पे छाया हैं
की जिंदगी खुला आसमा क्यों नहीं होती
क्यों उससे सारी जिंदगी साफ़ नहीं दिखती
जब कभी उम्मीद की गर्मी बढती हैं
तो एक काला बादल क्यों छा जाता हैं
जो हर वक़्त हमारे दिल को लुभाता रहे
जिन्दगी वो एक मौसम क्यों नहीं बन जाती
की जिंदगी खुला आसमा क्यों नहीं होती
क्यों उससे सारी जिंदगी साफ़ नहीं दिखती
जब कभी उम्मीद की गर्मी बढती हैं
तो एक काला बादल क्यों छा जाता हैं
जो हर वक़्त हमारे दिल को लुभाता रहे
जिन्दगी वो एक मौसम क्यों नहीं बन जाती
उम्मीद का बदल, गर्म पलो के बाद आता हैं
खुसी का एहसास, हमे गम के बाद आता हैं
Tuesday, July 5, 2011
Saturday, June 25, 2011
Thursday, May 12, 2011
दोस्त
यूँ बन्धनों मे बाँध के, खुद को छुपा पाओगे नहीं.
तन्हा होगे जब भी कही, दोस्तों को बुला पाओगे नहीं.
साथ रहेगा भले कोई तेरे, साथ हमारा भूल पाओगे नहीं.
ज़ख्म गहरा कितना भी हो, मर्हम भरे हाथ याद आयेगे सभी.
साथ रहेगा भले कोई तेरे, साथ हमारा भूल पाओगे नहीं.
ज़ख्म गहरा कितना भी हो, मर्हम भरे हाथ याद आयेगे सभी.
तुम्हारा दोस्त....
Monday, May 2, 2011
जमी की कीमत
सपनो की दौड़ मे भी हम उड़ना जानते हैं,
पंखो के साथ भी हम चलना जानते हैं.
हम आसमा की बुलंदियों को छु रहे हो,
फिर भी जमी की कीमत हम जानते हैं.
पंखो के साथ भी हम चलना जानते हैं.
हम आसमा की बुलंदियों को छु रहे हो,
फिर भी जमी की कीमत हम जानते हैं.
Thursday, April 28, 2011
क्योकि...जमी पे जीवन हैं,
आसमा के पंख निकल आये,
की सूरज के पास वो ऊड चला |
धरती की प्यास बढ़ गयी,
की सूरज के पास वो ऊड चला |
धरती की प्यास बढ़ गयी,
जो उसका पसीना निकल गया |
जमी पे कोई आढ़ जो ना रहा हैं,
की जमी पे जीवन जो पनप रहा,
ये जीवन ही जमी को खा रहा हैं
पर जमी की भूख को बड़ा रहा
Saturday, April 23, 2011
आज जिन्दगी कि गोद मे फिर सोने को दिल करता हैं.
आज खुशियों मे फिर मुस्कुराने को दिल करता हैं
दिल करता हैं बारिसो में फिर से भींग जाने को
आसमान के बांहों मे पतंग बन उड़ जाने को.
पर आज हवाओ मे वो ताजगी कहा रही.
ना बारिसो कि बूंदों में छुपी हैं वो नरमी,
मुस्कानों मे भी कोई खुशी नहीं रही हैं.
ऐसी जिन्दगी से तो मौत कि गोद हि हैं
Wednesday, March 16, 2011
Monday, March 14, 2011
Wednesday, March 2, 2011
हम जाये कहा खुशियों कि तलाश मे
कि खुशियों का कोई घर होता नहीं,
आज इस घर मे होती हैं खुशी तो,
कल किसी और के घर मे मिलती हैं,
हम चाहे भी तो ना रूकती हैं ख़ुशी
आती जाती ही हैं खुशी अपने मन से
हम जाये कहा खुशियों कि तलाश मे
कि खुशियों का कोई घर होता नहीं,
ये खुशी कि भी अजब चाल हैं
कभी किसी अमीर के पैसो मे हो
कभी किसी गरीब कि रोटी मे खुशी
विदा होती दुल्हन के रोने मे छिपी
तो रोते बच्चे कि टॉफी मे खुशी.
हम जाये कहा खुशियों कि तलाश मे
कि खुशियों का कोई घर होता नहीं,
खुशी कि खुशी घर से नहीं होती,
घर के लोंगो मे बसती हैं खुशी |
माँ कि ममता मे खुशी, पिता कि डाट मे,
बहन कि राखी मे खुशी, भाई कि साथ मे,
हम जाये कहा खुशियों कि तलाश मे
की खुद के मन मे बसी होती हैं खुशी
0(-_-)0
Friday, February 25, 2011
हर ख़ुशी की राह, गम से हो गुजरती हैं
फिर रोना क्यों, जिंदगी चार दिन की हैं
हो खुद पे जो यंकी तुमको,
ख़ुशी मे दो बदल गम को
आसमा हैं, जमी भी हैं
ख़ुशी इनके दर्म्या भी हैं
बस एक चाह को छु लो,
दिल मे एक ख़ुशी बसालो
हर ख़ुशी की राह, गम से हो गुजरती हैं
फिर रोना क्यों, जिंदगी चार दिन की हैं
Keep smiling where you are...
sud o(-_-)o
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