Saturday, June 25, 2011

मंजिल मुझे मिल गयी मेरी, पर रस्ते मेरे खो गए.
खुशिया तो मुझे मिली बहुत, पर मुस्कराहट कही खो गयी
कही सपनों के पास, कही हकीकत से दूर
हर वक़्त तेरे साथ मै खुसी दुन्ड़ता रहा
मेरी ख्वाहिस के पास, मेरी किस्मत से दूर.
हर वक़्त तुझे मै अपना समझता रहा......

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