मन क्या कहता
Wednesday, September 26, 2018
आत्मा
आज रफ़्तार ज़िन्दगी, में थम सा गया हूँ
मेरे तजुर्बे चीख रहे, मै खामोश हो गया हूँ
कुछ गुनाहो तले दबके,दम खुशियों ने जो तोड़ा
मै तो ज़िंदा दिखु , पर आत्मा से मर गया हूँ।
Sud.
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