Saturday, April 23, 2011

आज जिन्दगी कि गोद मे फिर सोने को दिल करता हैं.
आज खुशियों मे फिर मुस्कुराने को दिल करता हैं
दिल करता हैं बारिसो में फिर से भींग जाने को
आसमान के बांहों मे पतंग बन उड़ जाने को.
 
पर आज हवाओ मे वो ताजगी कहा रही.
ना बारिसो कि बूंदों में छुपी हैं वो नरमी,
मुस्कानों मे भी कोई खुशी नहीं रही हैं.
ऐसी जिन्दगी से तो मौत कि गोद हि हैं

1 comment:

  1. @ऐसी जिन्दगी से तो मौत कि गोद हि हैं
    ये लाईन अधूरी है पूरी करो |

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