Monday, November 28, 2011

एक समंदर डूब गया, पानी की एक प्याले मे.
आसमा सारा सिमट गया, स्याही की एक बूंद में.
राख हुआ जा रहा जल, अपने पापो से जल जल के
धरती का छोर मिला, हाथ रह गए हम मल मल के........