Friday, June 13, 2014

वो !!

एक रात की उमीद हैं मेरी, तेरी याद 
एक सुबह का ख़्वाब, तेरा साथ,
सोचा करू तुझको तो ख़ुशी हैं तेरा नाम 
देखलु तुझे तो ज़िंदगी तेरी बात

पूछे तुझे तो खुलती हैं आँखे।   
चाहुँ तुझे तो चलती हैं साँसे 
साथ तेरा धड़कन बन जाती है 
शाया तेरा मेरी रूह बन जाती हैं 

वो !!

Tuesday, June 3, 2014

फुटपाथ !

एक फुटपाथ का वो छोटा सा कोना,
जंहा कभी उसने सुरु किया था रोना 
दिन में जो थाल बनती, और रात में बिस्तर 
जिसपे खुद जीना सीखा उसने आँशु पीकर 
आज वो फुटपाथ बिक गयी हैं,
ज़िंदगी फिर से उसी मोड़ रुक गयी है 
एक वो थे जिन्होने मोल न समझा था उसका 
और एक वो है जो आज मोल लगा रहे उसका