Friday, February 25, 2011

हर ख़ुशी की राह, गम से हो गुजरती हैं
फिर रोना क्यों, जिंदगी चार दिन की हैं
हो खुद पे जो यंकी तुमको,
ख़ुशी मे दो बदल गम को
आसमा हैं, जमी भी हैं
ख़ुशी इनके दर्म्या भी हैं
बस एक चाह को छु लो,
दिल मे एक ख़ुशी बसालो
हर ख़ुशी की राह, गम से हो गुजरती हैं
फिर रोना क्यों, जिंदगी चार दिन की हैं


Keep smiling where you are...
sud o(-_-)o