Tuesday, March 19, 2013

ज़िन्दगी को कहले


आँशु दर्द के निकल आए, मुझे खुश देख कर,
के हर ज़ख्म रो पड़ा,मेरी हँसी को सुन कर,
जी रहा हूँ अब ऐसे, की मर चुका हूँ मै पहले,
कहानिया ख़त्म हो गयी,अब ज़िन्दगी को कहले।

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