Monday, September 16, 2013

बेगाना !!!

कर गए हम कई गुनाह, मेरे अपनों के प्यार में
और मेरे अपनों ने ही, मुझे गुनहगार बता दिया 
अपनों के लिए खुशियाँ, अपने लिए गम को चुना
और मेरे अपनों ने ही, मुझे गुमराह बता दिया 

खुद को तो हम कबका मार चुके थे,
पर मेरे अपनों ने कफ़न अब लपेटा 
जिन्दा तो बस अब ये नाम रहा 
वरना अपनों ने तो मुर्दा बता दिया

गैरों से नहीं रक्खा वास्ता, अपनों को वक़्त दे सकु, 
पास आने पे अपनों ने ही, मुझे बेगाना बना दिया 

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