Thursday, August 1, 2013

मौसेरो का धंधा!!!

बैठ मौसेरे सारे भाई, संसद को चलाते हैं 
बस अपना धंधा, अपना नाम चमकाते हैं 
कोई रोके कोई टोके तो रस्ते पे आ जाते हैं 
बोले हमरा धंधा, कानून हम ही बनाते हैं 

कसकी इतनी औकात, जो हमको सिखलाये 
जाए पहले मेरे असल बाप को ढूंड के लाये 
हम धंधा करने आये हैं चाहे जितने कमाए
कम पड़ा था हमको तो, माँ को बेच ही आये  

1 comment: