नैना.ना.ना..नैना.
नैना.ना.ना..नैना.
नैना..तेरे नैना नैना..तेरे नैना
देखो..कहते हैं ना
नैना.ना.ना.नैना.
चाहे हो खुली, हो चाहे बंद.
इशारों मे ही कहती हैं ना
लुबो कि खामोसी को
ये तोडती हैं ना.
नैना.ना.ना.नैना.
नैना.ना.ना.नैना.
हैं जंहान में खुदा कि रूह तेरे नैना
एक अम्बर तले दो सागर ये नैना
मृग नैना .
नैना.ना.ना.नैना.
नैना.ना.ना.नैना
हो खफा तो खंजर भी हैं तेरे नैना.
मुहोब्बत मे क़त्ल करते भी हैं ना.
नए नए से नैना
नैना.ना.ना.नैना.
नैना.ना.ना.नैना
हिंदी ब्लॉग जगत में स्वागत है | अच्छा लिखा है लिखने के साथ दूसरो को भी पढो उससे समझ और ज्यादा बढ़ती है |
ReplyDeletekafi achha hai !!!!! kaha chhupa tha ye kavi!!!!
ReplyDeleteblog jagat ko dhnyvad jisne aapko subke samne laya !!!!!!