तेरा साया ढूंडती हैं मेरी निगाहे,
की कही सुकून भरी छांव मिलजाए.
इस जलती हुई दुनिया मे झुलसते हुए,
हमे पानी का एक पड़ाव मिलजाए.
भागती हुए इस शहर मे खो गए,
कोई अपना सा टहलता गाँव मिलजाए
की कही सुकून भरी छांव मिलजाए.
इस जलती हुई दुनिया मे झुलसते हुए,
हमे पानी का एक पड़ाव मिलजाए.
भागती हुए इस शहर मे खो गए,
कोई अपना सा टहलता गाँव मिलजाए
Sunder Bhav....
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