मन क्या कहता
Sunday, March 10, 2013
बहादुर लड़की !!!!!
लुट चुकी थी जिसकी आबरू,
आज फिर से लुट रही हैं वो।
बेबस तब थी उसकी रूह,
पर आज कश्मकश में हैं।
लौटना था उससे इंतकाम को,
पैर शर्म से चुओ गयी है।
बहादुर जब उसे बनाना था,
तो लचर बना दी गयी थी वो।
जो अब इंतकाम चाहती है,
तो बहादुरी से लिपटी गयी वो।
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