Sunday, August 4, 2013

Happy Friendship Day!!!

दोस्ती की कमीनियत की यादो में 
आज दोस्तों की याद सभी को आई
किसी को अपने इटली के दोस्तों की 
तो किसी को इडली खाने वालो की 
किसी चारे वाले को बेजान खालो की
किसी ने राम को अपना दोस्त बनाया 
तो किसी ने रमजान मनाने वालो को 
पर दोस्ती उनकी मतलबी थी निकली 
पिछली बार दोस्ती की कसमे खा के 
याद न किया सालो ने सालो तक 
अब जब कब्र लगी है खुद की खुदने 
तो खुदा की कसमे खाली है सबने

कोई अमीरों की दोस्ती निभा रहा हैं 
कोई गरीबो को दोस्त बना रहा हैं 
कोई राम को अपना दोस्त बता रहा है 
कोई सेक्युलर के वादे बता रहा हैं 

पर हम आप तो ये जानते हैं 
दोस्ती ये पैसे से ही मानते हैं 
दो पैसे देके आज ये आपको 
दोस्ती की कसमे ये खायेगे 
कल को आपके पैसो के साथ 
उम्मीदे भी ले कही छुप जायेंगे 

तो मानो पुराने बुजुर्गो का कहना 
दोस्ती सोच समझ के ही करना 
दोस्ती उससे जो सिर्फ साथ दे
मुसीबतों में जो मौत को भी मात दे
बाकी अब क्या कहे आपसे
Happy Friendship Day!!!!

Thursday, August 1, 2013

मौसेरो का धंधा!!!

बैठ मौसेरे सारे भाई, संसद को चलाते हैं 
बस अपना धंधा, अपना नाम चमकाते हैं 
कोई रोके कोई टोके तो रस्ते पे आ जाते हैं 
बोले हमरा धंधा, कानून हम ही बनाते हैं 

कसकी इतनी औकात, जो हमको सिखलाये 
जाए पहले मेरे असल बाप को ढूंड के लाये 
हम धंधा करने आये हैं चाहे जितने कमाए
कम पड़ा था हमको तो, माँ को बेच ही आये  

बटती माँ !!

आज फिर बटी हैं ये धरा, कौड़ियो के दाम पे
फिर बिखरी पड़ी हैं माँ अपने बेटो के घाव से. 
बाटा गोरो ने जब माँ को तो लहू बिखरा बेटो का ।
अब बाट रहे बेटे ही माँ को लहू बहाके माँ का ।

फिर बट रही हैं धरती ,जाती धर्मो के नाम पे 
बिक रही बाजारों मे, राजा रंको के काम से
अब कोई बनेगा राजा, बाकि चोर ही रह जायेंगे 
राजा आधा खायेगा, और बाकी भी कुछ पाएंगे
बैठ मदारी दिल्ली मे तमाशा खूब दिखाएगी 
बेचारी भूखी जनता को ये नंगा ही नचाएगी